Menu
blogid : 5464 postid : 80

क्या इन लोगो का हम पर शासन करने का हक़ है !

मजेदार दुनिया
मजेदार दुनिया
  • 26 Posts
  • 176 Comments
मनोज जैसवाल : हमारे गरीब देश के अमीर नेताओ की एक सबसे शानदार नमूना है यह खबर जरा पढिये सोचिये क्या इन नेताओ को हम पर शासन करने का हक़ है ?
1-मायावती ने चप्‍पल लेने मुंबई भेजा विमान, हर बार गुजरने के बाद धुलवाती हैं सड़क’ 2-विकीलीक्स का खुलासा: माया मैडम तानाशाह, जेट प्लेन से आती है सैंडल 3-‘चप्पल मंगाने के लिए माया ने भेजा था प्लेन’

नई दिल्ली. अमेरिका उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को तानाशाह मानता है। अमेरिका के ये विचार विकीलीक्स के जरिए सामने आए अमेरिकी दूतावास के गुप्त राजनयिक संदेशों में दर्ज हैं। 13-17 अक्टूबर, 2008 के बीच अमेरिकी दूतावास की तरफ से एक राजनीतिक प्रतिनिधि ने उत्तर प्रदेश के हालात का जायजा लेने सूबे के तीन शहरों-लखनऊ, वाराणसी और कानपुर की यात्रा की थी। इस यात्रा के आधार पर 23 अक्टूबर, 2008 को अमेरिका के विदेश मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट के मुताबिक, ‘मुख्यमंत्री मायावती तानाशाह बन चुकी हैं और प्रदेश की कानून व्यवस्था बस इसी मायने में सही हुई है कि अब भ्रष्टाचार का केंद्रीयकरण हो गया है और इसकी डोर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री के हाथों में आ गई है।’ अमेरिकी केबल यह भी कहता है कि मायावती के राज में भ्रष्टाचार संस्थागत हो गया है। गुप्त दस्तावेज के मुताबिक, ‘मायावती और उनकी पार्टी ने सत्ता हासिल करने के बाद प्रदेश के विकास के लिए बहुत कम काम किया है। राज्य में नौकरशाह, पत्रकार डरे सहमे रहते हैं। मायावती सूबे से जुड़ा हर छोटा बड़ा फैसला या तो खुद करती हैं या फिर उनका बहुत ही सीमित दायरे वाला समूह। मायावती को अपनी सुरक्षा का डर सताता है। यही वजह है कि उनका खाना बनाने के लिए 9 कुक रखे गए हैं, जिसमें सिर्फ दो खाना बनाते हैं और बाकी 7 खाना बनता हुआ देखते हैं। मायावती को इससे भी संतोष नहीं होता है। खाना बनने के बाद वे दो फूड टेस्टर से उसकी जांच करवाती हैं। मायावती की शाहखर्ची का आलम यह है कि एक बार उन्होंने सैंडल की एक जोड़ी लेने के लिए एक जेट विमान मुंबई भेज दिया था। मायावती को प्रधानमंत्री बनने की धुन सवार है। रिपोर्ट के मुताबिक मायावती से ब्राह्मण और मुस्लिम वोट बैंक खिसक रहा है लेकिन उनका मुख्य आधार दलित आज भी उनके साथ हैं। शाहखर्च और सुरक्षा के प्रति सतर्क अमेरिकी केबल के अनुसार मायावती ‘किसी भी राज्य पहली ऐसी मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपने घर से दफ्तर के लिए निजी सड़कें बनवाईं। मायावती की रईसी का आलम यह है कि यहां से गुजरने के बाद इस सड़क की सफाई की जाती है। यहां तक माया ने विरोधियों द्वारा जहर दिए जाने की आशंका के मद्देनजर एक फूड टेस्टर की नियुक्ति तक कर रखी है, जो माया के खाने-पीने की चीजों की जांच करता है।

View Image in New Windowसत्ता पर सीधा नियंत्रण अमेरिकी दस्तावेज के मुताबिक मायावती सत्ता पर सीधे तौर पर नियंत्रण रखना पसंद करती हैं। राज्य के हर फैसले उनके कार्यालय से होकर गुजरने चाहिए। ऐसा न होने पर वे सख्त हो जाती हैं। लखनऊ के पत्रकार के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि एक बार एक मंत्री ने मायावती को बिना बताए राज्यपाल को किसी कार्यक्रम में बुला लिया था। मायावती ने उस मंत्री को अपने सामने उठक-बैठक करवा दी थी। यही नहीं, जब मायावती को पता चला कि उनके एक अधिकारी की बेटी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुई है तो उन्होंने अधिकारी को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया था। भ्रष्टाचार केबल में कहा गया है कि मायावती के राज में बदमाशों के गैंग एक-दूसरे पर गोलियां चलवाने के लिए पैसे देते हैं। यही नहीं, लोकसभा चुनाव में बीएसपी का टिकट लेने के लिए किसी कैंडिडेट को 250,000 अमेरिकी डॉलर (करीब एक करोड़ रुपये) देने होते हैं। इसके अलावा प्रदेश सरकार के साथ होने वाली हर बड़ी ‘डील’ में ‘हिस्सा’ होता है। रिपोर्ट के अनुसार सूबे के कई उद्योगपतियों ने गुजरात के मुख्यंत्री नरेंद्र मोदी की इस मामले जमकर प्रशंसा की। कार्रवाई का डर अमेरिकी केबल के मुताबिक मायावती मीडिया से बहुत कम मुखातिब होती हैं और जब भी वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करती हैं, पत्रकारों को सवाल पूछने की इजाजत नहीं होती है। रिपोर्ट के मुताबिक दूतावास के प्रतिनिधि ने सूबे के कई पत्रकारों से बातचीत की थी। इन पत्रकारों के मुताबिक राज्य के अफसर अपनी कुर्सी बचाने के लिए पत्रकारों से बात नहीं करते हैं। पत्रकारों ने माना है कि अगर वे मायावती या उनकी सरकार के खिलाफ कोई खबर लिखते हैं तो उन्हें बदले की कार्रवाई का डर रहता है। ज़्यादातर अफसरों और पत्रकारों के फोन टेप किए जाते हैं। जाति आधारित राजनीति की धूम गुप्त राजनयिक दस्तावेज के मुताबिक मई, 2007 में दलित, ब्राह्मण और कुछ मुस्लिमों के गठजोड़ के दम पर सत्ता में आईं मायावती के साथ आज भी दलित हैं। क्योंकि समाज के इस वर्ग को लगता है कि उनके समाज से एक महिला मुख्यमंत्री बनी है, जिससे उन्हें गौरव का एहसास होता है। केबल में किए गए आकलन के अनुसार सूबे में कांग्रेस के के पतन, बीजेपी के कमजोर होने और समाजवादी पार्टी के शासन में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति के चलते समाज का उच्च तबका बीएसपी की तरफ गया। पीएम बनने की संभावना केबल में मायावती के प्रधानमंत्री बनने की संभावना के बारे में कहा गया है कि यह तभी संभव लगता है जब कांग्रेस और बीजेपी-दोनों राष्ट्रीय स्तर पर बहुत ही खराब प्रदर्शन करें। बीएसपी शानदार प्रदर्शऩ करे और क्षेत्रीय पार्टियां भी अच्छी संख्या में सीटें जीतें। ऐसा होने पर मायावती तीसरे मोर्चे को बनाकर सत्ता पर काबिज हो सकती हैं। केबल मानता है कि जाति आधारित राजनीति करने में मायावती का कोई मुकाबला नहीं है। ( PTI)

manojjaiswalpbt

Tags:   

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply to RajanCancel reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh